हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान ना लो; करके बेरुखी मेरी तुम जान ना लो; एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे; हमारी मौत का खुद पर इल्ज़ाम ना लो।
हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान ना लो; करके बेरुखी मेरी तुम जान ना लो; एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे; हमारी मौत का खुद पर इल्ज़ाम ना लो।
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है; उनके इंतज़ार में दिल तरसता है; क्या कहें इस कमबख्त दिल को अब; अपना होकर भी जो किसी और के लिए धड़कता है।
कब तक रहोगे आखिर यूं दूर हमसे; मिलना पड़ेगा आखिर एक दिन जरूर हमसे; दामन बचाने वाले ये बेरुखी है कैसी? कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे!
क्या कहें कुछ भी कहा नहीं जाता; दर्द मिलता है पर सहा नहीं जाता; हो गयी है मोहब्बत आपसे इस कदर; कि अब तो बिन देखे आप को जिया नहीं जाता।
सिर्फ नज़र से जलाते हो आग चाहत की; जलाकर क्यों बुझाते हो आग चाहत की; सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे; हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।q
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम! बस यही एक वादा निभा पायेगें हम! मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन! तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!
कहते हैं लोग खुदा की इबादत है; ये मेरी समझ में तो एक जहालत है; चैन न आए दिल को रात जाग के गुजरे; जरा बताओ दोस्तों क्या यही मोहब्बत है।
ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा, मेरा ख्याल तेरे पास होगा, दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें , तुम्हे हमारे करीब होने का एहसास होगा..
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुम्हें; बड़ी दुआओं से पाया है तुम्हें; तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे; किस्मत की लकीरों से चुराया है तुम्हें।
कसूर ना उनका था ना हमारा; हम दोनों ही रिश्तों की रसम निभाते रहे; वो दोस्ती का एहसास जताते रहे; और हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे।
उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था; कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था; बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम; प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।
सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए; मदहोश न थे पर मदहोश होते चले गए; ना जाने क्या बात थी उस चेहरे में; ना चाहते हुए भी उसके होते चले गए।
दिलों की जरुरत कोई क्या समझेगा; रिश्तों की अहमियत कोई क्या समझेगा; तेरी मुस्कान ही है मेरी ख़ुशी; इस ख़ुशी की कीमत कोई क्या समझेगा!
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता! ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता! दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उसके बिना जिया नहीं जा सकता!
जो रहते हैं दिल में वो जुदा नहीं होते; कुछ एहसास लफ़्ज़ों से बयां नहीं होते; एक हसरत है कि उनको मनाये कभी; एक वो हैं कि कभी खफा नहीं होते।