भूख रिश्तों को भी लगती है
प्यार कभी परोस कर तो देखिय

कांटे तो नसीब में आने ही थे
फूल जो हमने गुलाब चुना था

मै उन्हे बदला हुआ दिखता हुँ.....
कभी वो खुद को भी तो देखे ......

सुनो नादान सा दिल है मेरा
जिसे हर कोई बुद्धु बनाता है

मरते होंगे लाखों तुझ पर
पर हम तो तेरे साथ मरना चाहते है

तू अभी और भी तनहा होगी:
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मैं अभी और भी याद आने वाला हूँ.
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जो लोग दर्द को समझते हैं
वो लोग कभी भी दर्द की वज़ह नही बनते

सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह
उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह

हमे दुवाए दिल से मिली है,
कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला..

खुद को अच्छा बना लीजिये
दुनिया से एक बुरा इंसान कम हो जाएगा

कुत्तो को देशी घी और लडकियो को सच्चा प्यार
कभी हजम नही होता

जो सच है वो छुपा लेते हो मुझसे
तुम्हे तो अखबार होना चाहिए था

मरने की लाखो वजह देती है दुनिया
पर जीने की वजह तो बस एक तू है ..!!

हाथ मे बस एक बासुँरी कि कमी है वरना
गोपिया हमने भी कई फसाई है

अजीब सी रंगत है तेरी
कि तू रुह मे बसती तो है मगर दिखती कभी नही