इतने भी प्यारे नही हो तुम
ये तो मेरी चाहतों ने सर चढ़ा रखा है तुमको

युं ही हम दील को साफ रखा करते थे
पता नही था की किमत चेहरो की होती हैँ

चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने
सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया

औकात क्या है तेरी ए जिँदगी
चार दिन कि मुहोब्बत तुझे तबाह कर देती है

समझा दो अपनी यादों को तुम ज़रा
दिन-रात तंग करती हैं कर्ज़दार की तरह

आखें मत फाड पगले Dil को आराम दे
मेरे फोटो को इतना मत देख Apni wali पे
घ्यान दे..

पतंग सी है जिंदगी कहा तक जायेगी...
रात हो या उम्र एक न एक दिन कट जायेगी..!!

लगा के आग दिल में चले हो कहाँ हमदम
अभी तो राख उड़ने पे तमाशा और भी होगा

अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
.
उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय

राज ज़ाहिर ना होने दो तो एक बात कहूँ
मैं धीरे धीरे तेरे बिन मर जाऊँगा

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी

आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो, हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की !!

वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर,
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा!

समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान
कोई वहम में रह जाता है और कोई अहम में

लड़की ढूंढनी होती तो कबकी ढूँढ लेते….
हम तो बादशाह है रानी ही ढूंढेग!.