आज दिल में बेचैनी कुछ जादा हो रही है
तुम जहाँ भी हो ठीक तो हो न
आज दिल में बेचैनी कुछ जादा हो रही है
तुम जहाँ भी हो ठीक तो हो न
आज महोबब्त ने मुझे रुला दिया
जीस पर मरते रहे उसीने भुला दिया
Attitude तो बचपन से है
जब पैदा हुआ तो डेढ़ साल मैंने किसी से बात नही की
ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ;
पता नहीं रास्ता गलत है, या मंजिल!
मशवरा दे रहे हो इश्क़ का....
जनाब लगता है...
दिल अभी तक सलामत है आपका ....
वो पूछते हैं क्या नाम है मेरा…
मैंने कहा बस अपना कहकर पुकार लो…!
कदमो को रुकने का हुनर नहीं आया
सभी मंजिले निकल गयी पर घर नहीं आया
मैं अपने दुश्मन के भी गले लग जाऊँ
शर्त ये है वो तुझसे मिलकर आया हो
काश आंसुओ के साथ यादे भी बह जाती
तो एक दिन तस्सली से बैठ के रो लेते
मै बहता पानी हूँ।।
तुम मेरा रास्ता बदल सकते हो,
मेरी मंज़िल नही।
" बड़ा आदमी वो हे ,जो अपने पास बेठे व्यक्ति को छोटा मेहसूस ना होने दे.."
न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई.,
न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई..
इतनी क्या जल्दी है मुझे छोड़ने की
अभी तो हद बाकी है मुझे तोड़ने की
उसने पूछा की क्या पसंद है तुम्हे..??
और मैं बहुत देर तक उसे देखती रही..!!
चाँदनी की चमक से मुझे कोई गरज नही
एक चाँद को दिल में अकसर देखता हूँ