कोशिश तो होती है कि तेरी हर ख्वाहिश पूरी करूँ
पर डर लगता है के तु ख्वाहिश मे मुझसे जुदाई ना माँग ले
कोशिश तो होती है कि तेरी हर ख्वाहिश पूरी करूँ
पर डर लगता है के तु ख्वाहिश मे मुझसे जुदाई ना माँग ले
इस महफिल मे नशा दारु से नही हमारी शायरी से चढता है
तभी तो हर एक बंदा मेरी शायरी बड़ी गौर से पढ़ता है
हम से पंगा लेने से पहले हमारे दोस्तों के बारे मे जान लेना
क्यूकी वो मारते पहले है और पुछते बाद मे है
गैरों के साथ तेरा हँसना मुझे अच्छा नहीं लगता
लोग जिसे बंदिश कहते हैं वो मेरे प्यार करने का तरीका है
ज़माने के सामने कैसे आते तेरी वेवफाई पे रोने के लिए
सारा जहाँ छोड़ जो बैठे हम सिर्फ एक तेरा होने के लिए
शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते
कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों
मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए वर्ना
जिस पर प्यार का असर नही हुआ उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे जैसे कोई गम छुपा रहे थे
बारिश में भीग के आये थे मिलने शायद वो आंसु छुपा रहे थे
जब वक़्त करवट लेता हैं ना दोस्तों
तो बाजियाँ नहीं जिंदगियाँ पलट जाती है नहीं, जिंदगियाँ पलटजाती है..!"
दोस्ती करो तो काँटों से करो
जो चुभने के बाद भी याद आता है
दोस्ती फूल से क्या करनी
वो तो मुरझा जाता है
ིइतना तो दर्द मुझे जिन्दगी तूने दिया ही नहीं था
जितना बदनाम मैने तूझे वाह वाहीया बटोरने के लिए कर दिया
एक बार राधाजी ने कृष्ण से पूछा: गुस्सा क्या हैं.?
बहुत खुबसूरत जवाब मिला:
किसी की गलती की सजा खुद को देना..
बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते इनको तू बेकार न कर
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर
मेरी बेतहाशा मोहब्बत को उस पगली ने ये कहकर ठुकरा दिया
तू पागल है इश्क में और मै पागलों से प्यार नहीं करती