तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही

कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी
हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो

इक बात कहूँ इश्क बुरा तो नहीँ मानोगे
बङी मौज के थे दिन तेरी पहचान से पहले

अब और नही होती इश्क की गुलामी यारो
अब कह दो उससे हो जाये जिसका होना चाहेँ

ना जीने का शौक है मरने की तलब रखते हैं
दीवाने हैं हम दीवानगी गजब रखते हैं

कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी
हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो

शुक्रिया आपका जो सिर्फ दिल तोड़ कर छोड़ दिया
तुम चाहते तो जान भी ले सकते थे

किस्मत बुरी या मै बुरा फैसला हो ना सका
मै सबका होता गया कोई मेरा हो ना सका

मुझसे अगर पूछना है तो मेरे जज्बात पूछ,
जात और औकात तो सारी दुनिया को पता ह

झूठ अगर यह है की तुम मेरे हो
तो यकीन मानो सच मेरे लिए कोई मायने ही नही रखता

मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता

कहानी‬ खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
कि लोग रोने लगे, ‪तालियाँ‬ बजाते बजाते..

मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता

आज भर ली है हमने कलम में जख्मो का लहू
आज जी भर के शायरी पढ़ो बर्बाद हो गए हम

चलो आओ बताऊ तुम्हें एक निशानी उदास लोगों की; कभी गौर करना ये हस्ते बहुत है।