आज तोहफा लाने निकले थे शहर में तेरे लिए
कम्बखत खुद से सस्ता कुछ ना मिला
आज तोहफा लाने निकले थे शहर में तेरे लिए
कम्बखत खुद से सस्ता कुछ ना मिला
ना छोड़ना मेरा साथ ज़िन्दगी में कभी
शायद मैं ज़िंदा हूँ तेरे साथ की वजह से
नवाबी तो हमारे खुन मे है पर पता नही
ये दिल कैसे तेरी गुलामी करना सीख गया
मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते
तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने
हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही
मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते
एक बार फिर से निकलेगे तलाश ऐ इशक मे दुआ
करो यारो इस बार कोई बेवफा ना मिले
रात को आजाद हो जाते हैं जाने किस तरह
सारा दिन रखता हूँ मै तो आंसू बाँध कर
कब दोगे निज़ात हमे रात भर की तन्हाई से
ए-इश्क रहम कर मेरी उम्र ही क्या है
दे दे तू अपने ख़्वाबों की तलाशी
मेरी नींद चोरी हो गयी है मुझे शक है तुझ पर
टुट सा गया है मेरी चाहतो का वजूद
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नही करते
अपनी कहे अपनी सुने अपने लिए जिए मरे ,
.
ऐसे सनम से दिल लगाना छोड़ दिया है !
ना मेरा प्यार कम हूवा ना उस की नफ़रत,
अपना अपना फ़र्ज़ था दोनो अदा कर गये.
उसने जब से कहा है उस दिन दूर चली जाउंगी
ऐसा लगता है मौत का दिन तय हो गया हो
मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी