शायरी वो नही लिखते हैं जो शराब से नशा करते हैं
शायरी तो वो लिखते हैं जो यादों से नशा करते हैं

वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की
कोई बात नहीं जिन्हें हम चाहते है वो आम हो ही नहीं सकते

सुना है प्यार मे कोई रूठे तो उसको शायरी से मनाते है
ना हम कभी रूठे है ना हमको किसी ने मनाया है

मेरी तकदीर को बदल देंगे मेरे बुलंद इरादे
मेरी किस्मत नहीं मोहताज मेरे हाँथों की लकीरों की

मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा
जिन्हे दावा था वफ़ा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा

कितना जानता होगा वो शक्स मेरे बारे में
मेरे मुस्कुराने पे जिसने पूछ लिया तुम उदास क्यों हो

नजर‬ झुका के बात कर ‪पगली‬ जीतने तेरे पास ‪कपडे‬ नही होन्गे
उतने‬ तो मे रोज ‪लफडे‬ करता हुं

बडे अजीब है इस दुनिया में लोग...
ये ऊपरवाले को तो एक मानते हैं,
लेकिन ऊपरवाले कि एक नही मानते !!!

टूट जायेंगी तेरी "ज़िद" की आदत उस वक़्त.
जब मिलेगी ख़बर तूजको की याद करनेlवाला अब याद बन गया ह

न लफ़्ज़ों का लहू निकलता है न किताबें बोल पाती हैं
मेरे दर्द के थे दो गवाह दोनों बे-जुबान निकले

है जुस्तुजू कि ख़ूब से है ख़ूब-तर कहाँ; अब ठहरती है देखिए जा कर नज़र कहाँ। अनुवाद: ख़ूब-तर = बेहतर

टूट जायेंगी तेरी "ज़िद" की आदत उस वक़्त!!
जब मिलेगी ख़बर तूजको की याद करनेlवाला अब याद बन गया ह

वो बोली मेरा भाई बहुत बड़ा ‪‎Badmash‬ है
मैं बोला अपने भाई से कह दे की तेरी टक्कर का ‪जीजा‬ मिल गया है

साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है दोस्तोँ
जब अपने याद करना छोड़ दें मौत तो उसे कहते है

मुद्तों के बाद उसको किसी के साथ खुश देखा तो एहसास हुआ
काश की उसको बहुत पहले हे छोड़ दिया होता