अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो इसे मौत न समझना,
अक्सर ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते…
अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो इसे मौत न समझना,
अक्सर ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते…
बस यही सोच कर हर तपिश में जलता आया हूँ; धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते।
यकीनन तुमने सिर्फ दिल तक दस्तक दी होगी
रुह तक पहुंचने वाले कहाँ दर्द देतें हैं
मोहब्बत नहीं है नाम सिर्फ़ पा लेने
का,,,
बिछड़ कर भी अक्सर दिल
धड़कता है साथ -साथ !!"
मैंने तो सिर्फ अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी दोस्तों
दुश्मन भी कह उठा आदमी अच्छा था
घर से निकलते थे मां के हाथों बनी रोटी लेकर
आज सड़क किनारे चाय तलाशती हैं जिंदगी
उसे कह दो अपनी ख़ास हिफाज़त किया करे
बेशक साँसें उसकी हैं मगर जान तो वो हमारी है
आज भी लोग हमारी इतनी इज्जत करते हैं
हम जिसे मेसेज करते हैं वो सर झुकाकर पढ़ते हैं
जुदा होने का शोक भी पूरा कर लेना मेरे हमदम
लगता हे तुझे हम जिंदा अच्छे नहीँ लगते
छोङो ना यार क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ
किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ
किसी को मिल गया मौका बुलन्दियों को छूने का
मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया
कितनी अजीब हैं मेरे अन्दर की तन्हाई भी
हजारों लोग अपने हैं मगर याद तुम ही आते हो
साँवरिया थोङा सा ही सही तुम जो प्यार जता दो
सुखी पङी दिल की जमीन पर बारिश हो जाये
मेरे attitude पर मत जाना तुम्हारे समझ नही आएगा
दिल से मत समझना वरना दिल ही निकाल जायेगा
वैसे दुश्मनी तो हम चिटी से भी नहीं करते
लेकिन बीच में आया तो शेर को भी नहीं छोडते