spontaneous shot...
- वो छोरा दीक्खै है एक नम्बर की छात्ती अर कब्ज्याँ आला !!
-- हाँ !…के था ???
- तेरा भाई चाह्वै तै एक महीन्ने मैं इसी देहि त्य़ार कर सके है.
--फेर करता क्यूँ ना.
- छोड्डै नै यार……. क्यूँ खाम-खा बोझ मरै !!?

हरियाणा में एक दामाद
सर्दियों के दिनों में अपने
ससुराल गया, उसकी पत्नी का नाम
था दामो, और उसकी साली का नाम
था बदामो..... तो उस गांव में
रिवाज़ ये था कि दामाद
अपनी पत्नी से मिलना तो दूर आमने
सामने देख भी नहीं सकता था .
तो दामाद ने इशारे में
दो पंक्तिया कहीं कि
"उड़ता पंछी बोल रिया से
अबकी पाला खूब पड़ेगा,
दो जण मिल के सोते रहियों ,
नहीं ते एक जरूर मरेगा "
सास समझ गई कि दामाद
क्या इशारा कर रहा है तो उसने
भी जवाब दिया
"दामो संग बादामो सोवेगी, और तेरे
संग तेरा साला,
मैं बूढे संग पड़ी रहूगीं , के कर
लेगा पाला.

सासू: आज्या बटेऊ क्यूकर आया
बटेऊ:थारी छोरी नै लेण आया सूँ
सासु:
बेटा इब्बै तै भेज्जन का ब्योंत कोन्या
5.7 दन पाछै ले जिए।
बटेऊ:कोये बात ना 5,7 दन हाडे ए डट ज्यां गा।
सासु:ना बेटा लोग के कैंगे।
बटेऊ:अर या म्हारे छः मींने रह कै आई लोगां नै के कया।
सासु:बेटा या तो थारे ब्याह राखी सै।
बटेऊ:अर मैं के थारे गाड राख्या सूँ

हेरा फेरी फिल्म का एक डायलोग
राजू – बाबू भय्या इस श्याम को घर से निकाल दो..
बाबू भय्या – वो भाड़ा देकर रहता है तेरी तरह फोकट
में नही रहता ..
राजू – उसका भाड़ा मैं दे दूँगा ...मगर उसको घर से
निकालो ...
बाबू भय्या – जमाईला तुने आज तक
अपना भाड़ा नही दिया और
उसका भी भाडा देगा तू ..?चल निकल यहाँ से
राजू – मैं कह रहा हूँ मैं चला जाऊंगा यहाँ से..
बाबू भय्या – अब रात को किधर कुत्ते की तरह
घूमेगा तू .. सुबह में जा रे बाबा ..
राजू – नही मैं अभी जाऊंगा ...
बाबू भय्या – जारे ...
राजू – मैं सच्ची बोलता हूँ मैं चला जाऊंगा कसम
से ..
बाबू भय्या – तू जारे ....
राजू – मैं सच्ची में जा रहा हूँ ...
बाबू भय्या – जमाईला जारे ...
.
.
राजू – मैं नही जाऊंगा मैं पूरा भाड़ा देकर जाऊंगा ...
.
.
बाबू भय्या - इसका मतलब तू
कब्बी नही जायेगा ....
(भाजपा +जदयू गठबंधन को समर्पित )

एक बै ताऊ पिक्चर देखण गया , पिक्चर का नाम
था बॉबी अर गाणा चाल रया था , " मैं मायके
चली जाउंगी ……………"
डिंपल : मैं मायके चली जाउंगी तुम देखते रहियो।
ताऊ : (न्यू क्यूकर चली ज्यागी यो तेरे नहासां ने
फोड़ देगा )
ऋषि : मैं दूजा ब्याह रचाउंगा।
ताऊ : (येह्ह्ह्ह बात …… छोरे ने कट्या रोग )
डिंपल : मैं कुवें में गिर जाउंगी।
ताऊ : ( छोरे बहकाए में मत आ ज्याइये ……
पाखण्ड कर रिह सै )
ऋषि : मैं रस्सी से खिंचवाऊंगा।
ताऊ : ( अर्रे क्याहने खिंचवावे सै..... आगे फेर
सेधेगी )
डिंपल : मैं पेड़ पर चढ़ जाउंगी।
ताऊ : ( टंगी रहन्दे सासु की नै )
ऋषि : मैं आरी से कटवाऊंगा।
ताऊ : ( अरे तू भी मैंने तो किमे नकली सा ए
लाग्या …… खामखाँ अपनी बुआ नै सिर पै
चढ़ा रया )
डिंपल : मैं मायके नहीं जाउंगी मैं मायके
नहीं जाउंगी।
ताऊ : तावलिये होश ठिकाणे आगे …… इहने खेत में
ले ज्या अर्र कसोला दे दे इसके हाथ में। भोत सिर
पे चढ़ा ली तन्ने .......... मैंतो इब चालूं सूं पर एक
बात सूण ले …… इहने उलगी ए मत छोड़ दिए जै तन्ने
अपणा घर बसाना सै तो

100 ग्राम दूध में के घी लिकड़ै सै..
वाह वाह
100 ग्राम दूध में के घी लिकड़ै सै..
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बैरण एक बै आई लव यू बोल दे के तेरा जी लिकड़ै स

मनोहर लाल खट्टर: मै सेंटर में बैठी सरकार को शुक्रिया करना चाहता हूँ की उन्होंने इस बार यूरिया और खाद की डिमांड से ज्यादा सप्लाई करी।।
हरियाणा के किसान: भाई तू मन्ने पहला न्यू बता के अगर इस बार सेंटर सरकार ते हरियाणा ने डिमांड ते ज्यादा यूरिया आर खाद मिली स तो फेर वा यूरिया आर खाद गयी कड़े?? म्हारे धौरे तो आई कोणी भाई।।

एक गरीब कवि तंगी से परेशान होकर बैंक
में डाका डालने गया…
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अर्ज किया है…
तकदीर में जो है वही मिलेगा,
खबरदार, कोई अपनी जगह से
नहीं हिलेगा!
फिर कैशियर से बोला…
अपने कुछ ख्वाब मेरी आंखों से निकाल लो,
जो कुछ भी तुम्हारे पास है, जल्दी से मेरे
बैग में डाल दो!
बहुत कोशिश करता हूं तेरी याद भुलाने
की,
खबरदार, कोई कोशिश न करे पुलिस
को बुलाने की!
फिर जाते-जाते…
भुला दे मुझे, क्या जाता है तेरा!
मैं गोली मार दूंगा, जो किसी ने
किया पीछा मेरा!

एक बार एक बुढा था कसुता कत्ती गनहाए कसूता ! एक दिन एक रेल में जावे था
एक छोरा धोरे खड़ा था आर थोड़ी सी भीड़ थी बोल्या रे छोरे पा पे पा क्यूँ धरा ! छोरा बोल्या ताऊ माफ़ कर दे लग गया होगा भीड़ में ! बोल्या जे मेरे खून लिकड़ आता तो ? छोरा बोल्या ताऊ खून तो कोणी लिकड़ा !
बोल्या जे लिकड़ आता तो मेरे चक्कर आते तो ?
छोरा बोल्या ताऊ कित आये चक्कर ?
ताऊ बोल्या फेर में पड़ जाता तो?
ताऊ तू कित पड
़ा ?
ताऊ बोल्या "फेर मेरे और चोट लग जाती "
छोरा बोल्या ताऊ कित लगी चोट ?
ताऊ बोल्या मेरे धनस्बा हो जाता तो आर आड़े कोए डाक्टर भी कोन्या
छोरा बोल्या ताऊ कित होया धनस्बा ?
ताऊ बोल्या फेर मन्ने हस्पताल जाना पड़ता आर उड़े मन्ने कोए दाखल नहीं करता तो ?
छोरा दुखी हो लिया जनता लखावे ! एक ने हिम्मत करी पूछ लिया ताऊ के होया कोए बात ना बिचारे का भीड़ में पा पड़ गया होगा माफ़ कर दे ! पा घना जोर तें दब गया के ?
ताऊ बोल्या ना जे दब जाता तो

एक छोरा अर छोरी डेट पे डिनर कर रे थे होटल में .
.
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छोरा :घने बादला मैं तेरी याद आवे स,
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सावन के आने पे तेरी याद आवे स,
बारिश की बूंदा में तेरी याद आवे स ..
छोरी : हाँ मन्ने बेरा के मन्ने छतरी देनी तेरी कमीने, इब्ब ताने तो ना मार

रामफल ने शौंक-शौंक में व्रत राख लिया !
वो अपने छोरे तै बोल्या :- देखिये रै सूरज डूब गया के
छोरा :-- ना बाबू ईबे तो लिकड़ रहा सै
थोड़ी वार पाछे फेर बोल्या :- देख डूबा के नही
छोरा :- कोन्या डूबा बाबू !
रामफल :- लागे है मने गेल लेके ऐ डूबेगा झकोई !! grin emoticon

January 15 ·
एक गाम मैं बाढ़ आ गी. सारा गाम
डूब ग्या.
एक बूढा अपणा होक्का भर कै ऊंचे से
टील्ले पै जा बैठ्या.
बूढ़े नै देख्या सारा गाम अपणे-अपणे
सामान खात्तर दुखी होर्या.
कोए गठड़ीयाँ का बोझ मरण लाग
र्या अर किसे नै अपणे
डांगराँ की चिंता हो री.
अर कोए बग्गी मैं अलमारी-संदूक
लादे पाणी माः कै जाण लाग रया.
यो नजारा देख कै......
बूढा एक तसल्ली की सीली सांस भर
कै बोल्या.
" मेरा सुसरा, यो टोट्टा बी आज
सही काम आया

एक बार हरियाणे का बकरी नै ले कै बस मैं चढ ग्या.
कंडक्टर नै उतार दिया कि बकरी अलाउड नहीं है।
उसनै तरकीब लड़ाई। झोले मैं तैं साड़ी निकाली,
बकरी कै लपेटी, और गोदी मैं ठा कै दूसरी बस मैं चढ़
ग्या। कंडक्टर नैं
पूछी तो बोल्या या मेरी नानी है, घणी बूढी है,
चाल ना सकती। बैठग्या .. झटके लाग्गैं
बकरी का सिर हल्लै। कंडक्टर नै पूछी यो के। न्यू
बोल्या नानी राम के नाम ले है।
करड़ा झटका लागग्या। बकरी नै मींगण कर दी..
बस मैं मींगण गुरड़ी गुरड़ी हांडैं। कंडक्टर बोल्या - रै
तेरी नानी की माला टूट गी।।

जाट ने खेत में टयूबवेल लगवाना था !
सोचा कि पंडित जी से पूछ लू कि पानी कहां होगा !
पंडित जी ने सारे खेत में घूम कर एक कोने में हाथ रख दिया और बोला कि यहां टयूबवेल लगा ले और 1100 रु. ले लिये !
जाट बेचारा भुरभुरे स्वभाव का था !
पंडित जी से बोला,"मैं बहुत खुश हूं...आप मेरे घर खाना खाने आओ !
पंडित ने सोचा कि फंस गई सामी आज तो... और हां कर दी !
जाट घर जा कर जाटणी से बोला," पंडित जी जिम्मण आवेंगे पकवान बना ले और एक कटोरी में नीचे देसी घी और उपर बूरा घाल दिये !
जाटणी बोली कि घी तो उपर होता है!
जाट बोला कि आज तू घी नीचे रखिये !
पंडित जी आ गये और बूरे वाली कटोरी देख कर बोले ," जाट भाई इसमें घी तो है ही नहीं !
जाट ने चप्पल निकाल के एक धरी पंडित के कान के नीचे और बोला," तन्नै खेत में 250 फुट नीचे का पानी देख लिया...कटोरी में 2 इंच नीचे घी नी दिक्खया !

एक बार एक मुक़ददमे में ताई गवाह बणा दी गई। ताई
जा कर खड़ी होई, दोनो वकील भी ताई के गाँव के
ही थे।
पहला वकील बोला, "ताई तू मन्ने जाने है?"
ताई: हाँ भाई तू रामफूल का है ना, तेरा बापु
घणा सूधा आदमी था पर तू निक्कमा एक नम्बर
का झूठा। एर झूठ, बोल बोल कर के तूं लोग ने ठगै है। झूठे
गवाह बना कर के तू केस जीते से। तेरे से तो सारे लोग
परेशान है, तेरी लुगाई भी परेशान हो कर के तन्ने छोड़ गै
भाज गी।
वकील बेचारा चुप हो कर के
सोचा कि मेरी तो बेज्जती हो गई अब दूसरे
की कराता हूँ।
उस वकील ने थोडी देर में दूसरे वकील की तरफ
इशारा कर के पूछा, "ताई, तू इसने जाणे से के?"
ताई: हाँ यो फुलीयो काणे का छोरा से इसके बापु ने
निरे रपिये खर्च करके इने पढाया पर इसने आंक
नही सीखा सारी उमर छोरिया क पीछै हांडे गया।
इसका चक्कर तेरी बहू से भी था।
कोर्ट में जनता हांसन लाग गी।
जज: आर्डर-आर्डर।
जज ने दोनो वकील बुलाये।
जज: अगर तुम दोनो वकीलो मे से किसी ने भी इस ताई
से यो पुछा के "इस जज न जाणे से" तो