बहुत ज़लील था वो दिन भी उधर मेरी मोहब्ब्त ससुराल जा रही थी
इधर लोग मुझसे कह रहे थे भाई खड़या के देखै सै टेंट का समान ट्राली म घलवा दे न
Like (279) Dislike (58)
बहुत ज़लील था वो दिन भी उधर मेरी मोहब्ब्त ससुराल जा रही थी
इधर लोग मुझसे कह रहे थे भाई खड़या के देखै सै टेंट का समान ट्राली म घलवा दे न
Your Comment