एक गरीब कवि तंगी से परेशान होकर बैंक
में डाका डालने गया…
..........................................
..........................................
अर्ज किया है…
तकदीर में जो है वही मिलेगा,
खबरदार, कोई अपनी जगह से
नहीं हिलेगा!
फिर कैशियर से बोला…
अपने कुछ ख्वाब मेरी आंखों से निकाल लो,
जो कुछ भी तुम्हारे पास है, जल्दी से मेरे
बैग में डाल दो!
बहुत कोशिश करता हूं तेरी याद भुलाने
की,
खबरदार, कोई कोशिश न करे पुलिस
को बुलाने की!
फिर जाते-जाते…
भुला दे मुझे, क्या जाता है तेरा!
मैं गोली मार दूंगा, जो किसी ने
किया पीछा मेरा!

Your Comment Comment Head Icon

Login