आप बूढ़े हो रहे हैं: जब आपको हर बात से तकलीफ़ होती हो परेशानी होती हो। जब आप बात-बात में पुरानी बातें याद करते हों। जब आप किसी को देखकर यह सोचते हैं कि इसे पहले भी कहीं देखा है। जब आप हर शाम अकेले बिताना चाहते हैं। जब आप हर बात का कोई कारण खोजते हैं। जब आप रोमांस की बात सोचकर नहीं बल्कि बिजली के खर्च का ख्याल कर बत्ती बुझा देते हैं। जब आप बाज़ार में मिठाई लेने जाते हैं और पूछते हैं कि क्या यह शुगर-फ्री है!

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