एक कंजूस आदमी जब मरने लगा तो उसने अपने तीनों बेटों को बुलाया और बोला मैंने हमेशा लोगों को यह कहते सुना है कि मरने के बाद आदमी के साथ कुछ भी नहीं जाता। लेकिन मैं इस धारणा को गलत साबित कर दूंगा। मेरे पास कुल तीस लाख रुपये हैं। मैं तुम तीनों को एक-एक लिफाफा दूंगा जिनमें से हरेक में दस लाख रुपये होंगे। मैं चाहता हूं कि मुझे दफनाते समय तुम लोग ये रुपये मेरी कब्र में डाल दो। जब वह आदमी मर गया तो वादे के मुताबिक तीनों बेटों ने उसकी कब्र में अपने अपने लिफाफे डाल दिए। घर लौटते समय बड़ा बेटा गमगीन स्वर में बोला भाई मुझे बड़ी आत्मग्लानि हो रही है। मुझे बैंक का कर्ज लौटाना था इसलिए मैंने लिफाफे से 2 लाख निकाल लिए थे। मंझला बेटा भी आंखों में आंसू भरकर बोला मैंने भी नया घर खरीदा है। उसके लिए कुछ पैसों की जरूरत थी सो मैंने लिफाफे में से 4 लाख निकाल लिए थे। उन दोनों की बातें सुनकर छोटा बेटा तैश में आकर बोला शर्म आनी चाहिए! आप लोग पिताजी की अंतिम इच्छा का भी पालन नहीं कर सके। मैंने तो एक पैसे की भी बेईमानी नहीं की। पूरे दस लाख का चेक लिफाफे में डालकर आया हूं।

Your Comment Comment Head Icon

Login