एक बार संता और बंता अपने दोस्तों मोन्टी और जग्गी के साथ घुमने चले गए एक जगह उनकी गाड़ी घने जंगलों में से होकर गुजर रही थी तभी उन्हें डाकुओं ने उन पर हमला कर लिया उन्होंने संता और बंता को गाड़ी से बाहर निकाला और उनकी गाड़ी को बम से उड़ा दिया और संता बंता और उसके दोस्तों को जंगल के बीच में ले आये जहाँ उनका सरदार रहता था! उनका सरदार चुटकुले सुनने का बड़ा शौक़ीन था तब उसने एक शर्त रखी कि जो उसे ऐसा चुटकुला सुनाएगा जिसको सुनकर सभी हँसे तो उसे बिना किसी हानि पहुंचाए जिन्दा छोड़ दिया जाएगा अगर ऐसा नहीं हुआ अगर एक भी आदमी नहीं हंसा तो उस चुटकुले सुनाने वाले को गोली से उड़ाकर मार दिया जायेगा! सबसे पहले बंता ने एक चुटकुला सुनाया एक बार ... और जब उसने चुटकुला पूरा सुना दिया तो संता को छोड़कर सभी जोर जोर से हंसने लगे तो शर्त के अनुसार सरदार ने बेचारे बंता को गोली से उड़ा दिया! अब मोन्टी कि बारी थी उसने भी एक जोरदार चुटकुला सुनाया फिर से सभी संता को छोड़ कर सरदार के साथ जोर-जोर से हंसने लगे सरदार ने संता पर गोली चला दी! उसके बाद जग्गी कि बारी आयी जैसे ही उसने चुटकुला सुनाना शुरू किया तो संता जोर-जोर से हंसने लगा सभी लोग हैरान हो गए कि ये पागलों कि तरह क्यों हंसने लगा? सरदार उससे पूछने लगा तुम बिना चुटकुला सुने ही क्यों हंसने लगे? संता ने हँसते और लोट-पोट होते हुए कहा कि बंता ने कितना मस्त चुटकुला सुनाया था!

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