संता की शादी हुई पर अभी तक उसे कोई नौकरी नहीं मिल पाई थी वो बिल्कुल आलसी था एक दिन उसकी बीवी ने बहुत गुस्से होते हुए कहा मुझे तो बहुत शर्म आती है जिस तरह की जिन्दगी हम जी रहे है! मेरे पापा ने हमारे घर का किराया दिया माँ ने घर में खाने पीने का सामान भर दिया मेरी बहन ने कपड़े दिए और चाचा चाची ने कार खरीद कर दी मुझे तो बहुत शर्म आती है! संता ने सोफे पर लोटपोट होते हुए कहा डार्लिंग शर्म तो तुम्हें आनी ही चाहिए क्योंकि जो तुम्हारे दो भाई है बेकार में घूमते रहते है उन्होंने तो हमें फूटी कौड़ी भी नहीं दी!
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