जिन्ऩ (बोतल से आजाद होकर बोला) क्या हुक्म है मेरे आका
मालिक कुछ ऐसा करो कि सभी बीबीयाँ अपने पति की सभी बातेँ मानने लगे
जिन्ऩ (बापिस बोतल के अन्दर जाकर बोला) चाचा ढक्कन जरा टाईट करके लगाना

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