पत्नी को दिल्ली घुमाने ले गया जब वे दोनों क़ुतुब मीनार पहुँचे
पति – अच्छी तरह से देख ले फिर गाँव जाकर ना कहना कि लाल
किला नहीं दिखाया
पत्नी को हँसी आ गई बोली अजी ये लाल किला नहीं क़ुतुब मीनार है
पति को गुस्सा आ गया थप्पड़ मार कर बोला
दिल्ली घुमाने मैं लाया हूँ या तू लाई है
और फिर गुस्से में दोनों वापस गाँव चले गए
शाम को पति ने कहा मेरे लिए पराठे बनाना
पत्नी बाजरे की रोटी बना कर ले आई
पति के आगे परोसकर बोली लो खा लो पराठे
पति ये पराठे हैं ये तो बाजरे की रोटी है
पत्नी (थप्पड़ मार कर) पराठे तूने बनाए हैं या मैंन

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