एक दादा और दादी ने अपने जवानी के दिनों को याद करके का सोचा। उन्होंने फैसला किया कि हम फिर से दरिया के किनारे मिलेंगे जहाँ हम पहली बार मिले थे। दादा सुबह जल्दी उठकर तैयार होकर गुलाब लेकर पहुँच गए पर दादी नहीं आयी। दादा जी गुस्से में घर पहुंचकर बोले तुम आयी क्यों नहीं मैं इंतज़ार करता रहा तुम्हारा? दादी ने भी शर्मा के जवाब दिया माँ ने जाने ही नहीं दिया।

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