एक पागलखाने में संता और बंता नाम के दो पागल थे! एक दिन जब वे दोनों पागलों के लिये बनाये गये नहाने के तालाब के किनारे टहल रहे थे कि अचानक बंता का पैर फिसल गया और वह पानी में जा गिरा उसे तैरना नहीं आता था लिहाजा वह डूबने लगा अपने दोस्त को डूबते देख संता फौरन पानी में कूद गया और बड़ी मेहनत करके उसे जिन्दा बाहर निकाल लाया! जब यह खबर पागलखाने के अधिकारी को लगी तो वह आश्चर्य में पड़ गया! इसका मतलब संता बिलकुल ठीक हो गया है! उसने सोचा सचमुच संता का बहादुरी का कारनामा जिसने भी सुना उसने यही राय दी कि अब संता ठीक हो गया है! अब वह पागल नहीं है अधिकारी ने उसे पागलखाने से रिहा करने का निश्चय कर लिया! अगले दिन अधिकारी ने संता को अपने चेंबर में बुलाया और कहा संता तुम्हारे लिये दो खबरें है एक बुरी और एक अच्छी! अच्छी खबर यह कि तुम्हें पागलखाने से छुट्टी दी जा रही है क्योंकि अब तुम्हारी दिमागी हालत बिल्कुल ठीक है! तुमने बंता की जान बचाने का जो कारनामा किया है उससे यही साबित होता है! बुरी खबर यह है कि बंता ने ठीक तुम्हारे द्वारा उसकी जान बचाने के बाद बाथरूम में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली! वह मर चुका है! संता ने जवाब दिया उसने खुद अपने आपको नहीं लटकाया वह तो मैंने ही उसे सूखने के लिये वहां लटकाया था तालाब में गीला हो गया था न! तो अब मैं घर जा सकता हूं?

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