एक बार संता और बंता लुधिआना जा रहे थे जब वो वहां पहुंचे संता पहले बस से उतरा जब बंता बस से नीचे उतरने लगा तो संता ने कहा जरा ठहरो! ये जमीन पर बिखरा हुआ क्या है? उसने थोड़ा सा अपनी ऊँगली पर लगाया और ऊँगली को अपने मुहं में डाल दिया अरे छि: छि:..ये तो गोबर है! बंता कहने लगा: अरे शुक्र.. कर पैरे नहीं लिबड़या!
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