एक बार संता की शादी एक चाइनीज (चीनी) लड़की से हो जाती है अभी संता कि शादी को छः महीने ही गुजरे होते हैं कि एक दिन अचानक उसकी पत्नी मर जाती है इस घटना से दुखी होकर संता एक दिन बंता से अपना दुःख सांझा कर रहा होता है और कहता है; संता: यार ना जाने क्यों कभी-कभी तेरी भाभी कि बड़ी याद आती है? संता की बात सुन बंता उसे समझाते हुए कहता है; बंता: क्या करें यार भगवान् की मर्ज़ी के आगे हम इंसान क्या कर सकते हैं! संता: यार पर अभी तो तेरी भाभी की उम्र भी कोई ज्यादा नहीं थी! संता की बात सुन बंता जवाब देता है; बंता: अब चुप भी हो जा यार आखिर था तो चाइना का माल ही ना और कितने दिन चलता!

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