एक अंग्रेज सिपाही जिसकी बीवी बहुत खूबसूरत थी को अचानक लड़ाई के मैदान से बुलावा आ गया। उसकी गैरमौजूदगी में उसकी बीवी कहीं किसी और से आंखे चार न कर बैठे इस डर से उसने अपनी बीवी को एक कमरे में बन्द किया और चाबी अपने एक विश्वासपात्र मित्र को देकर कहा मैं लड़ाई में भाग लेने जा रहा हूं। यदि मैं दस दिनों तक नहीं लौटूं तो तुम इस चाबी से ताला खोलकर उसे आजाद कर देना । इतना कहकर वह सिपाही चल दिया। अभी वह थोड़ी ही दूर पहुंचा था कि उसने देखा उसका मित्र घोड़े पर सरपट दौड़ता हुआ उसे आवाज देता हुआ चला आ रहा है यह देख सिफाई ने उस से पूछा अरे क्या हुआ सब ठीक तो हैं? दोस्त गुस्से से आग बबूला होकर उस पर चिल्लाते हुए बोला धोखेबाज! तू मुझे गलत चाबी देकर जा रहा है। इससे तो ताला खुल ही नहीं रहा।

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