एक दादा और दादी ने अपनी जवानी के दिनों को याद कर के फिर से उन दिनों को मनाने की सोची! उन्होंने फैसला किया कि हम फिर दरिया किनारे मिलेंगे! दादा सुबह जल्दी उठकर तैयार होकर गुलाब लेकर पहुंच गया पर दादी नही आयी! दादा गुस्से में घर पहुंचा तुम आयी नही मैं इंतजार करता रहा तुम्हारा! दादी ने शरमाकर कहा माँ ने जाने नही दिया!
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