एक घर में संता को घर को रंग रोगन करने का काम दिया गया संता ने बहुत ही ईमानदारी से पूरे घर को रंग रोगन किया! घर के मालिक ने जब पूरे घर को देखा तो खुश हो गया उसने संता को शाबाशी देते हुए कहा! संता मैं तुम्हारे काम से बहुत खुश हूँ उसने संता को पैसे दिए और 500 रूपए अलग से देते हुए कहा लो बीवी को बाहर डिनर के लिए ले जाना और मूवी भी दिखा देना! संता ने कहा नहीं साहब! मैं नहीं ले जा सकता! मालिक ने कहा कोई बात नही मैं उसे मना लूँगा अगर तुम ऐसा करोगे तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी मालिक ने कहा! संता ने कहा अगर ऐसी बात है तो मुझे कोई ऐतराज नही मैं जरुर ले जाऊंगा! रात को संता बिल्कुल तैयार होकर आया बढ़िया कपड़े हाथों में फूलों का गुलदस्ता उसने घर की घंटी बजाई! घर का मालिक दरवाजे पर आया और उसे लगा शायद संता कुछ भूल गया होगा उसने पूछा संता क्या बात है क्या यहाँ कुछ रह गया है यहाँ? संता ने कहा नही मैं तो यहाँ बीवी को लेने आया हूँ आपने ही तो दिन में कहा था कि शाम को बीवी को डिनर के लिए और मूवी दिखाने के लिए ले जाना!

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