संता और बंता एक मठ में धार्मिक सेवायें देने के लिए पहुंचे संता ने बंता को पूछा कि क्या जो धुम्रपान करता है उसे धार्मिक सेवाएं देने का अधिकार है? बंता ने कहा तुम धर्मगुरु से क्यों नहीं पूछ लेते! बंता धर्मगुरु के पास जाता है और पूछता है गुरुजी क्या मैं प्रार्थना करते हुए धुम्रपान कर सकता हूँ? धर्मगुरु ने कहा नहीं बेटा बिलकुल नहीं इससे धर्म का निरादर होता है! संता वापिस बंता के पास आया और कहा कि धर्मगुरु ने ये सब कहा! बंता ने उसे कहा कि अरे संता तुमने प्रश्न ही गलत किया अब मैं कोशिश करता हूँ! फिर बंता धर्मगुरु के पास जाता है और पूछता है कि गुरुजी क्या मैं धुम्रपान करते हुए प्रार्थना कर सकता हूँ? जिस का धर्म गुरु ने सहमति के साथ उतर दिया बिल्कुल कर सकते हो बेटा बिल्कुल कर सकते हो तुम जब चाहो तब प्रार्थना कर सकते हो!

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