नजर में डूबके न आ सके किनारे पे
अजी हम मर गये थे आपके इशारे पे

इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने,
एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो --

स्याहीथोड़ी‬ # कम पड़ गई वर्ना # किस्मत तो अपनी भी # खूबसूरत#लिखी गई थी....

बड़ा अजीब होता है ये मोहब्बत है खेल भी, एक थक जाये तो दोनों हार जाते है !

अपने उसूल कभी यूँ भी तोड़ने पड़े
खता उसकी थी हाथ मुझे जोड़ने पड़े..

ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा,
वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता...?

खुद को भूल न जाऊं भटक न जाऊं कहीं...!
एक टुकड़ा आइना जेब में रखता हूँ अक्सर...!!

देख कर उसको तेरा यूँ पलट
जाना,.....
नफरत बता रही है
तूने मोहब्बत गज़ब की थी..

मुझको पढ़ना हो तो मेरी शायरी पढ़ लो ,,
लफ्ज बेमिसाल न सही, जज्बात लाजवाब होंगे .. ..

मुझको पढ़ना हो तो मेरी शायरी पढ़ लो....
लफ्ज़ बेमिसाल ना सही,ज़ज़्बात लाजवाब होंगे.!.

साल, दिन और महीनों का हिसाब नहीं आता मुझे,
खुदा खुश रखे आपको हमेशा से हमेशा तक..!!!

राज़ खोल देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर,
कितनी खामोश मोहब्बत की जुबां होती है …

टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया..

छोङो ना यार , क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ
किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ .....

ऐ खोए हमसफर !काश तुमने न बदली होती अपनी राहें ।
पीछे छोड़ गए तुम कितनी तडप अनगिनत आहें ।