हाथ की नब्ज़ काट बैठा हूँ,.
शायद तुम दिल से निकल जाओ ख़ून के ज़रिये

दर्द हमेशा अपने ही देते है वरना गैरो को क्या पता कि
तकलीफ किस बात से होती है।

उनको जाना था वो चले गए, हम को खोना था हम ने खो गये
फर्क सिर्फ इतना था उस ने ज़िंदगी का एक पल खोया,
हम ने एक पल में पूरी ज़िंदगी खो दी...

अगर बेवफाओं की अलग ही दुनिया होती
तो मेरी वाली वहाँ की रानी होती..!!
=RPS

हुस्न वाले जब तोड़ते है दिल किसी का...
बड़ी सादगी से कहते हैं मजबूर थे हम . . .

Ghulami To Sirf Tere Ishq Ki Ki Thi
Baqi Ye Dil Phely B Nawab Tha Or Aj B Nawab Hai

भुला देंगे तुम को भी ज़रा सबर तो करो,
रग रग में बसे हो, कुछ वक़्त तो लगेगा..!

Soch raha hun ab bewafa hone ka tarika seekh lun
Muhabbat de de ke hum ne apni qadr kho di

पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों,
ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही ..!
er kasz

गुजर जाऊँगा यूँ ही किसी लम्हे सा
और तुम वक़्त में उलझी रहना

Dunia me agar asan hai kisi ko khush rakhna to
vo bas tuhmari apni maa hai

जो नासमझ है वो ही मोहब्बत करता है
वो मोहब्बत ही क्या जो समझ में आ जाए
er kasz

सच ही कहा था किसी ने तनहा जीना सीख
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो तनहा छोड़ जाती है

मै बैठूंगा जरूर महफ़िल में पर पीऊंगा नही
क्योंकि मेरा ग़म मिटा दे इतनी शराब की औकात नही
er kasz

आज कोई नया जख्म नहीं दिया उसने मुझे
कोई पता करो वो ठीक तो है ना.