खामोश हूँ सिर्फ़ तुम्हारी खुशी के लिये
ये न सोंचना कि मेरा दिल दुःखता नहीं

एक तेरा ही नशा था जो शिकस्त दे गया मुझे
वरना मयखाने भी तौबा करते थे मेरी मयकशी से!..

उसकी चाल ही काफी थी मेरे होश उडाने के लिए
अब तो हद हो गई है जबसे वो पाँव मे पायल पहनने लगी है

मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है
मिल जाये तब भी और न मिले तब भी

आँख में सुरमा लगाया तेज दो धारी हुई
लो हमारे कत्ल की फिर आज तैयारी हुई

उसे मैं दिल में रख लेता, अगर होता यह बस में मेरे
उसे सब देखते हैं मुझसे यह देखा नहीं जाता

तुमने मुझे छोड़ कर किसी और का हाथ तो थाम लिया है
मगर ये याद रखना हर शक्स मोहब्बत नहीं करता

चोरी चोरी चुपके चुपके तुम हमसे नजर मिलाती हो
रातों को ख्वाबों में आकर क्यों हमको तडपाती हो

फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!

खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो
सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं...

Dekhte Hain Hum Dono Juda Kaise Ho Payenge
Tum Muqaddar Ka Likha Mante Ho Hum Dua Ko Aazmayenge

hareak rang ek nahi hote
mohabat me koi fareb nahi hote

मेरे सब्र का इंतेहा क्या पूछते हो.
वो मुझ से लिपट कर रोई भी तो किसी और के लिए.

Hadd ho gai intezar ki
aisi ki taisi aise pyar ki

ग़ज़ब है उसका हंस के नज़र झुका लेना
पूछो तो कहता है कुछ नही बस यूँ ही