अपने इन शरबती होठों को किसी रूखसार मे छुपा लो
मोहतरमा गर्मी का मौसम है शरबत की तलब लगी रहती है हमें

मेरे दिल की दर्द तू ही समझ सकती है गुलबदन
आ बाहों में नही तो धड़कता रहेगा तेरी याद में मेरी जवान धड़कन

तन्हाई की रात गुज़र ही जाएगी इतने भी हम मजबूर नहीं.
दोहरा कर तेरी बातों को कभी हंस लेंगे कभी रो लेंगे.

इस रात की उदासियों से पूछो मेरे दिल की हालत
जब भी तुम्हारी याद आती है ये अँधेरे और भी गहरे हो जाते है

तूने मेरी मोहब्बत की इंतेहा को समझा ही नहीं
तेरे बदन से दुपट्टा भी सरकता था तो हम निगाह झुका लेते थे

तू वो ज़ालिम है जो दिल में रह कर भी मेरा ना बन सका ग़ालिब
और दिल वो काफिर है जो मुझ में रह कर भी तेरा हो गया

तुम्हें मुस्कुराता हुआ देखता हूँ तो यूँ लगता है मुझे
रूठी हुई ज़िन्दगी ने फिर से मेरा हाथ थाम लिया है

जहाँ से तेरा मन चाहे वहाँ से मेरी जिन्दगी को पढ़ ले
पन्ना चाहे कोई भी खुले हर पन्ने पर तेरा ही नाम होगा

किसी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा अपना कौन हैं
मैने हँसते हुए कहॉ जो किसी और के लिए मुझे नज़र अंदाज़ ना करे

जिन ख्वाबों में तुम नहीं आतीं वो ख्वाब अधुरा लगता है
जिस दिन तुम्हारा दीदार न हो वो दिन भी अधुरा लगता है

हम तुमसे दूर कैसे रह पाते दिल से तुमको कैसे भूल पाते
काश तुम आईने में बसे होते ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते

💟सच्चा प्यार हमेशा गलतइन्सान से
होताहै...
और जब ✔सही इन्सान से प्यार
होता है...
तब वक़्त⌚ गलत होता है. Er kasz

वो जिसकी आँखों में इनकार के सिवा कुछ भी नहीं है
ना जाने क्यूँ उसकी आँखों पर ज़िन्दगी लुटाने को जी चाहता है

समझदार व्यक्ति वह नहीं जो ईट का जवाब पत्थर से दे
समझदार व्यक्ति वो हैं जो फेंकी हुई ईट से अपना आशियाना बना ले

दिल में गम तो बहुत हैं मगर होठों पर मुस्कान रहती है
मुहब्बत में मिलती हैं गम फिर भी मुहब्बत ही दिल का ईमान होती है