न कहा करो हर बार की हम छोङ देंगे तुमको
कयोंकि न हम इतने आम हैं न ये तेरे बस की बात है

तुम हुस्न हो तुम्हारी फिक्र हर किसी को होगी
हम आशिक हैं अपना ख्याल खुद ही रखते हैं

पानी से भरी आँखें लेकर वह मुझे घूरता ही रहा,
वह आईने में खङा शख्स परेशान बहुत था आज ..!!

मिलने को यूँ तो हमसे मिले है हजारो
वो शख्स जो सीधा दिल में उतर गया उसका हुनर कमाल था

बदनसीब मैं हूँ या तू हैं ये तो वक़्त ही बतायेगा..
बस इतना कहता हूँ अब कभी लौट कर मत आना....

जितनी शिद्दत से मुझे ज़ख़्म दिए हैं उस ने
उतनी शिद्दत से तो मैंने उसे चाहा भी नहीं था..

जिसे भी देखा उसे रोता हुए ही पाया..
मुझे तो ये मोहब्बत किसी फ़क़ीर की बद्दुआ लगती है !!

मेरे जनाजे में सारा शहर निकला मगर कम्खत वोह ना निकली
जिसके लिए मेरा जनाजा निकला था

माना के तुम हसींन हो तुम्हे हक है शरारत का
किसी की जान पर बन जाये शरारत युँ नहीं करते

रफ़्ता रफ़्ता वो मेरी हस्ती का सामाँ हो गए
पहले जाँ फिर जान-ए-जाँ फिर जान-ए-जाना हो गए

रिश्ता दिल से होना चाहिए शब्दों से नहीं
नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं

यह भी अच्छा है की हम किसी को अच्छे नहीं लगते
चलो कोई रोयेगा तो नहीं हमारे मरने के बाद...

मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना
तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी

मोहब्बत उस से नहीं की जाती जो खूबसूरत हो
खूबसूरत वो होता है जिस से मोहब्बत हो जाती है

कौन कहता है कि मैं खूबसूरत शायरी लिखता हूँ
खूबसूरत तो वो लोग है जो इसे पसन्द करते हैं