खामोशियाँ उदासियों की वजह से नहीं,
बल्कि यादों की वजह से हुआ करती हैं..

ज़र्रा ज़र्रा जल जाने को हाज़िर हूँ,
बस शर्त है कि वो ...आँच तुम्हारी हो. Er kasz

बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ख्याल रखना

थोडा-थोडा चाहूँगा तुझे रोज
बचा-बचा के खर्च करूंगा तुझ पर मोहब्बत अपनी

बस इतना सा असर होगा हमारी यादों का
कि कभी कभी तुम बिना बात मुस्कुराओगे

मर भी गया तो उसे खबर न करनाए दोस्तों
अगर वो रो पड़ी तो ये दिल फिर धढक उठेगा

मरहम नही तो जख्मो पर नमक ही लगा दे
हम तो तेरे छूने भर से ही ठीक हो जाते हैं

मेरे लफ्जों की पहचान अगर वो कर लेता
उसे मुझसे नही खुद से मोहब्बत हो जाती

काश मै लौट पाऊँ बचपन कि उन गलियों में
जन्हा ना कोई ज़रूरी था ना कोई जरूरत

हम जा रहे हैं वहाँ जहाँ दिल की हो कदर
तुम बैठे रहना अपनी अदायेँ सम्भाल कर

होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरह
तो मै तेरे शहर मे कभी धूप ना आने देता

हमने तो उस शहर में भी किया है इंतज़ार तेरा
जहाँ मोहब्बत का कोई रिवाज़ न था

एक रोज़ तुमने पूछा था ना कितना प्यार है तुमसे
लो अब गिन लो बूंदें बारिश की

एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं
वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है

आपकी सादगी पे क़त्ल-ऐ-आम हुए जाते है
तब क्या क़यामत होगा जब आप सवंर कर आओगे