नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो

नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो

पाल ले इक रोग नादाँ ज़िंदगी के वास्ते
सिर्फ़ सेहत के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं

जाग रहा है जंहा कि तुम हमसे मिलने आओगी
और सच्ची मुहब्बत करके ज़माने को दिखाएगी

तुम मेरी जिंदगी मे ऐसे शामिल हो
जैसे मंदिर के दरवाजे पर बंधे हुए मन्नत के धागे

शैतान हूँ मोहब्बत मुझे रास नहीं आती
अपने महबूब को भी हमने अपने नफरत से जीता था

बेटियों के जन्म पर मातम मनाने वालों
आज उस घर में जाकर देखो जहाँ बेटियाँ नही है

मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकीन है की
कोई मुझे छोड़ सकता है लेकिन भूल नही सकता

👦‎मैं‬ ‪#‎लब‬ हूँ मेरी‬ बात ‪#‎तुम‬ हो ,
मैं ‪#‎तब‬ हूँ , ‪#‎जब‬ मेरे ‪#‎साथ‬ तुम हो .. Er kasz

उपर वाले ने रहेमत की लकीर ताे दे दी मेरे हाथ में
पर मुहाेबत की लकीर देना भुल गया

मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो कि वो धोखा दे कर भी सोचे
की वापस जाऊ तो किस मुंह से

तेरी आशिकी ने ऐसा शायर बना दिया
की अब किसी को गाली भी दूं तो वो वाह वाह कर देता है

उस के सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं
ये दिल उस का है अपना होता तो बात और थी..

ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है मुहब्बत के लिए
फिर रूठकर वक़्त गंवाने की जरूरत क्या है

तेरी एक झलक में हम खुद को भूला बैठे कसम से
रोज़ तु आईने में खुद को कैसे देखती होगी