मुझे मालूम है कि ये ख़्वाब झूठे हैं और ख़्वाहिशे अधूरी हैं
मगर जिंदा रहने के लिए कुछ ऐसी ग़लतफ़हमियाँ जरूरी हैं

कहने लगी नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच
मैंने मुस्कुरा के कहा तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था इश्क हज़ारों के बीच

प्यार में उसूल तो बहुत होते हैं मोहब्बत की कसमें सभी खाते हैं
दिल तो आखिर टूट ही जाता है फिर भी आशिक रश्मों को निभाते हैं

जो इंसान आपसे ज़्यादा प्यार,करेगा वो आपसे रोज़ लड़ेगा
लेकिन जब आपका एक आंसू गिरेगा तो उसे रोकने के लिए वो पूरी,दुनिया से लड़ेगा

संगमरमर की तारीफ ना कर मुझसे तु कहे तो आँसुआं से मुहब्बत लिख दुं
चूमने के लिये झुक जाएगा ताजमहल भी जिस जमीं पर तेरा नाम लिख दू