तेरी आँखो की नज़र से जो भी एक बार टकराया होगा
मुझे नही लगता वो अब तक घर पहुँच पाया होगा

फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं,
कब्रे जितनी भी सजा लो, कोई ज़िंदा नहीं होता .

जब भी देखता हुं हसते खिलखिलाते चेह्ररे लोगों के
दुआ करता हुं इन्हे कभी मोहब्बत ना हो

दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं
बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं

किसको ख्वाहिश है ख्वाब बनकर पलको मे सजने की
हम तो आरजू बनकर तेरे दिल मे बसना चाहते हैं

देख पगली मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे
जब आपके पास वक्त ओर हमारे पास सांसो की कमी होगी

सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने
हसीन जिस कि जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है

ये दिल ही तो जनता हे मेरी मुहब्बत का आलम
के मुझे जीने के लिए साँसों की नही तेरी ज़रूरत हे

है जो तुझ मे दम तो दे दे आज इन लबों पे हंसी
कल तो हम भी ढूँढ लेंगे वज़ह अपने मुस्कुराने की

कल घर से निकले थे, माँ के हाथो के बने पराठे खा कर...
आज सड़क किनारे चाय तलाश रही है जिंदगी...!! Er kasz

ये दुनियां एक लम्हे में तुझे बर्बाद कर देगी
महोब्बत गर मिल भी जाये तो उसे मशहूर मत करना

ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर
कभी मेरी आँखों से आकर पू, के कितनी हसीन है तूं

किसी शायर से कभी उसकी उदासी की वजह पूछना
दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार हो जायेगा

वो काग़ज़ आज भी फूलों की तरह महकता है
जिस पर उसने मज़ाक़ में लिखा था मुझे तुमसे मोहब्बत है

चला आता है तेरा अक्स मेरे खयालों में अक्सर
तुझे हो न हो तेरी रूह को मुझसे मोहब्बत ज़रूर है