मेरे जैसा सौदागर नहीं मिलेगा
किसी को फरेब खरीदता हूँ मोहब्बत दे कर

जैसे आजकल बारिश के तलबगार हैं सब
ठीक वैसे ही जरुरत मुझे तुम्हारी है

जो आँखें मुझे देख कर झुक गयीं
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा

जहा हर बार अपनी बातो पर सफाई देनी पड़ जाए.
वो रिश्ते कभी गहरे नही होते ..!!

जिन्दगी प्यार की दो चार घड़ी होती है
कोन सी चीज महुब्बत से बड़ी होती है

कहीं तो दर्द होगा कोई सीने में ज़रूर
यूँ ही हर एक तनहा शायर नहीं होता

ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा
वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता

तुम मिल गई तो खुदा भी नाराज हैं मुझसे
कहता है कि अब तु कुछ माँगता नहीं

दिल तो करता है चिर के रख दू ऐ दिल तुझे
ना तू रहे मुझ में ना वो रहे तुझ में

ज़ख़्म खरीद लाया हु बाज़ारे इश्क़ से
दिल ज़िद कर रहा था मुझे मोहब्बत चाहिए

बेवफाई के सितम तुमको भी समझ आ जाते
काश होता अगर तुम जैसा तुम्हारा कोई

जख्मो को हरा रखना अच्छा लगता है
यही तो सबूत बाकि हैं तेरी मुहोब्बत के

कितने आसान से लफ़्ज़ों में कह गया वो..
के बस दिल ही तोडा है कोनसी जान ली है..

मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन हे
पर टूट के चाहना सिर्फ एक बार होता हे

सौदेबाजी का हुनर कोई उनसे सीखे
गालों का तिल दिखा कर सीने का दिल ले गयी