डरो मत ज़िन्दगी ही तो है
कुछ देर रहेगी फ़िर चली जाएगी

नजर ने होश मे भी वो न देखा
जो नजारे दिखाए इस बेखूदी ने

कितनी मासूम सी तम्मना है
नाम अपना तेरी ज़ुबां से सुनु

वो मुझे नफ़रत करें या प्यार करें
मैं तो एक दीवाना हूँ

सोने की कलम चांदी की दवात
होगी मोहब्बत तो मिलेगा जवाब

मुहब्बत के साए में आज़ाद रह कर
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है

होठों के किनारे लटकी हुई है
ये बेवजह मुस्कराहट अच्छी है

अजीब दस्तूर है मोहब्बत का
रूठ कोई जाता है टूट कोई जाता है.

मोत से तो दुनिया मरती हैं
आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं

तेरा घमंड तो चार दिन का है पगली,
हमारी बादशाही तो खानदानी है

मोहब्बत बुरी है बुरी है मोहब्बत,
कहे जा रहे है किये जा रहे है.!!

जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है
मेरी कलम भी अच्छा लिखने लगी है

शेरों को कहना नया शिकारी आया हैं
या तो हुकूमत छोड़ दे या जीना

ये मेरी आदत मुझे चैंन से रहने न देगी...
ये मेरी तुझे सोचने की आदत .

तुम तुम तुम और सिर्फ तुम
एक लम्हा भी सरकता नहीं तुम्हारे बिना