मत पूछ कि, मेरा कारोबार क्या है...!!. मुहब्बत की दुकान है, नफ़रत के बाज़ार में....!

Soch raha hun ab bewafa hone ka tarika seekh lun
Muhabbat de de ke hum ne apni qadr kho di

किसी के दिल में क्या छुपा है, ये बस खुदा ही जानता है.
दिल अगर बेनकाब होता, तो सोचो कितना फसाद होता.
Er kasz

मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं था
बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुम नें

ज़मीर हमसे बेचा न गया
वरना शाम तक अमीर हो जाते

मै उस रात के बाद कभी उठा ही नही
जिस रात तुमने कहा था सुबह होते ही मुझे भूल जाना

मैं उस किताब का आखिरी पन्ना था
मैं न होता तो कहानी खत्म न होती

ए खुदा तु ही मेरा इन्साफ़ कर दे
अगर दुरिया ही देनी थी तो मिलाया ही क्यो

बदल जाती है ज़िन्दगी की सच्चाई उस वक़्त,
जब कोई तुम्हारा तुम्हारे सामने किसी और का हो जाता है.

तुम मेरी बातों का जवाब नहीं देते तो कोई बात नहीं
मेरी क़ब्र पर जब आओगे तो हम भी ऐसा ही करेंगे

किस्मत एक ऐसी तवायफ है
जो हर किसी के लिए नहीं नाचती...!!!

रहता तो नशा तेरी यादों का ही है

कोई पूछे तो कह देता हुँ पी रखी है

सुन कर ग़ज़ल मेरी वो अंदाज़ बदल कर बोले
कोई छीनो कलम इससे ये तो जान ले रहा है
er kasz

जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इजहार आसान होता है
रुह से हुई मोहब्बत को समझाने में जिंदगी गुजर जाती है

kya khoob wfa milli
Ghar unka bsate -bsate hum sarhk pe aa gye.