दर्द इतना था ज़िंदगी में कि धड़कन साथ देने से घबरा गयी
आंखें बंद थी किसी कि याद में ओर मौत धोखा खा गयी

वो मुझसे दूर रहकर अगर खुश है तो खूश रहने दो उसे
मुझे वैसे भी उसकी चाहत से ज़्यादा मुस्कुराहटपसंद है
er kasz

Aaj bhi isi soch mein gum hai ungliyaan meri
Ke Naya haath usne thama kaise hoga

मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है
मिल जाए तब भी ना मिले तब भी

तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हुँ मै
वरना मरने का इरादा तो रोज होता है

अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का
जिसका जितना दर्द बुरा शायरी उतनी ही अच्छी

उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्ज़ुब कैसा
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है

अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला दिल का…
सुकून ढूंढने निकले थे, नींदे भी गँवा बैठे…!!!

उस्ताद ए इश्क सच कहा तूने बहुत नालायक हूँ मै
मुद्दत से इक शख्स को अपना बनाना नही आया

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती
अपना वजूद भूलाना पडता है किसी को अपना बनाने के लिए

किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी
मैं मुस्करा के बोला उसके ख्यालो मे डूब कर
Er kasz

आज किसी ने ये बात कहके दिल मेरा तोड़ दिया
की तू इतराना छोड़ दे लोग तेरे नहीं तेरी शायरी के दीवाने है

ज़िन्दगी में अगर कोई अच्छा लगे तो ,
उसे सिर्फ चाहना, प्यार मत करना..
क्योकि प्यार ख़त्म हो जाता है
लेकिन चाहत कभी ख़त्म नहीं होती....

Mere dard ki tu intha na puch
Dard bhi hairan hai Ab dard du to kis bat pe du
er kasz

Hum me to khair himmat hai itna dukh sehne ki

Tum itna dukh dete ho thak to nahi jate