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Dard Shayari
ना जाने क्यो दिन निकलते ही
ना जाने क्यो दिन निकलते ही
ना जाने क्यो दिन निकलते ही उदास हो जाता हुँ
महसूस होता है कि कोई भूल रहा है हमे धीरे-धीरे
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