रहता तो नशा तेरी यादों का ही है
कोई पूछे तो कह देता हुँ पी रखी है
रहता तो नशा तेरी यादों का ही है
कोई पूछे तो कह देता हुँ पी रखी है
बस ऐक चहेरे ने तन्हा कर दिया हमे
वरना हम खुद ऐक महेफिल हुआ करते थे
वो जब सामने आये तो अजब हादसा हुआ
हर लफ्ज ए शिकायत ने खुदकुशी कर ली
तुम तो डर गए एक ही कसम से
हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लुटा हे
बना कर छोड़ देते हैं अपनी ज़ात का आदि
कुछ लोग यूँ भी इंतकाम लेते हैं
इतना भी प्यार किस काम का.
भूलना भी चाहो तो नफरत की हद्द तक जाना पड़े.
दोस्ती का इरादा था प्यार हो गया
दोस्तो अब दुआ दीजिये सलाह नही
er kasz
आँसु बड़े बेवफा होते है
उसे तो आँखो से दूर होने का बहाना चाहिए
Er kasz
में कैसे उस शख्श को रुला सकता हुँ,,,
जिस को खुद मेने रो रो के मांगा हो
मेरी बेबसी की इंतहा मत पूछो;
मैं रो के कह रहा था वो हंस के सुन रही थी.
खुशियों के बाज़ार में आया हूँ
तुम्हारे बिना हँसना भी एक गम लगता है
याद तो आता हूँगा ना तुम्हें मैं
वफाओं का जब कहीं ज़िक्र होता होगा
कोई हमे भी सिखा दो ये लफ्जों से खेलना
दर्द हमारे पास भी बेहिसाब है
किस तरह बनाऊँ तेरी यादों से दूरियाँ
दो कदम जाके सौ कदम लौट आते हैं
एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर
मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है