पता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँ क्योंकि
मैं खुद के सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता

मुझे उन आंखों मे कभी आंसु अच्छे नही लगते
जीन आंखों मे मै अकसर खुद के लिये प्यार देखता हुं

तेरी वफ़ा के खातिर ज़लील किया तेरे शहर के लोगों ने
इक तेरी कदर न होती तो तेरा शहर जला देते

कभी न कभी वो मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर
के हासिल होने की उम्मीद भी नहीं फिर भी वफ़ा करता था

नही थे पैसे एक दिन पीने के लिये तो यूँ किया
डूबोई उनकी तस्वीर पानी मे और घूँट घूँट पी लिया

मेरी मौत की खबर उसे ना देना मेरे दोस्तो
घबराहट होती है कहीं पागल ना हो जाये वो इस खुशी में

मेरी ज़िन्दगी में एक ऐसा शक्श भी है यारो
जो मेरी पूरी ज़िन्दगी है और मै उसका एक लम्हा भी नही

वो एक मौका तो दे हमे बात करने का.
वादा है
उन्हें भी रुला देंगे उन्ही के सितम सुना -सुना कर...

☄एक बार भूल से ही कहा होता कि हम किसी और के
भी है
.
खुदा कसम हम तेरे साये से भी दूर रहते.. ☄ Er kasz

कुछ ऐसा अंदाज था उनकी हर अदा में,
के तस्वीर भी देखूँ उनकी तो खुशी तैर
जाती है चेहरे पे ..❗❗

मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है
er kasz

दोस्तों का क्या है वो तो यों ही बन जाते है मुफ़्त में,
आओ चलो आज सच बोलकर कुछ दुश्मन बनाये ।Er kasz

मैंने ये सोचकर‪ उसकी‬ सारी बातो को‪ सच‬ मान लिया की
ईतनी‪ अच्छी‬ है तो‪ झुठ‬ कैसे बोलेगी

किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी
मैं मुस्करा के बोला उसके ख्यालो मे डूब कर
Er kasz

फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!