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Two Lines
Dil Shayari
मोहब्बत छोड के हर एक जुर्म
मोहब्बत छोड के हर एक जुर्म
मोहब्बत छोड के हर एक जुर्म कर लेना
वरना तुम भी मुसाफिर बन जाओगे हमारी तरह इन तन्हा रातों के
er kasz
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