तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है ये उठे सुबह चले
ये झूके शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन ही पलकों के तले
er kasz
Like (10) Dislike (1)
तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है ये उठे सुबह चले
ये झूके शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन ही पलकों के तले
er kasz
Your Comment