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Two Lines
Kashish Shayari
में अक्सर अकेला रेह जाता हूँक्युकी
में अक्सर अकेला रेह जाता हूँक्युकी
में अक्सर अकेला रेह जाता हूँ
क्युकी में हमेश उनके सहारे रेहता हूँ
er kasz
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Kyu hasate ho yaaro dard sa
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