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Sad Shayari
सावन के मोसम में जगता हूं
सावन के मोसम में जगता हूं
सावन के मोसम में जगता हूं सारी रात
हाय रे मेरी बदनसीबी क्यों होती नहीं तुमसे मुलाकात
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