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Tanhaai Shayari
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
ग़र हमें बिकना ही होता तो आज यूँ तनहा ना होते
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ये मोहब्बत के हादसे अक्सर दिलों
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने
वफ़ा की मौज मस्ती में अब
मुझ से ऐ आईने मेरी बेकरारियाँ
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