उम्र कैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही ! Er kasz
उम्र कैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही ! Er kasz
ज़र्रा ज़र्रा जल जाने को हाज़िर हूँ,
बस शर्त है कि वो ...आँच तुम्हारी हो. Er kasz
पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक जाएगी
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट ही जाएगी
er kasz
अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली
गरीब हूँ इसलीये दिल असली दे रहा हु
Er kasz
ऐसे कुछ दिन भी मेरी जिंदगी ने पाए हैं
आंखें जब रोती रहीं होंठ मुस्कराए हैं
तुझे क्या लगता है मुझे तेरी याद नही आती
पगली कौन अपनी बरबादी को भुल सकता है
उम्र भर उठाया बोझ दीवार पर लगी उस कील ने .......
और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे ... Er kasz
मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है
बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है
Er kasz
मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग ।।
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता !!Er kasz
अबकी बार मिलोगे तो खूब रुलाएंगे तुमहे
सुना हे तुमहे रोने के बाद सीने से लिपट जाने की आदत हे
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को,
क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता....
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर दिलों को तोड़ देते हैं
तुम मंज़िल की बात करते हो लोग राहों में छोड़ देते हैं
पूछते हैं सब लोग तुम इतनी अच्छी शायरी कैसे करते हो ,,
तो मुस्कुरा कर कहता हूँ सब कमाल उस जालिम के दर्द का है ....
#वो तो अपनी एक #आदत को #भी ना #बदल सका,
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.........#जाने क्यूँ मैंने #उसके लिए अपनी #जिंदगी बदल #डाली ! Er kasz
Roti rahi sarri ratt vo islaiye
Jo pyas bhuj jaye uske bache ki