आइना अगर टूट जाये तो वो चहेरे तो दिखता है
लेकिन एक नही कई चहरे दिखता है
er kasz

आरज़ू होनी चाहिये किसी को याद करने की
लम्हें तो खुद-ब-खुद मिल जाया करते हैं!

रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा
की ये तेरीे आँखे मेरे एक झलक को तरसेंगी

देखा जाए तो अब तक कुछ खोया नही फिर भी लगता है
कुछ तो है जो अब तक मिला ही नहीं
er kasz

तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही परदिल चाहता है
आखरी सास तक तेराइंतजार करू
er kasz

इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले
er kasz

गम के सागर में भी रहकर हंसता है कोई-कोई
दोस्ती सभी करते हैं पर निभाता है कोई-कोई

रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की
ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी
Er kasz

जीत हासिल करनी हो तो काबिलीयत बड़ाओ
किस्मत की रोटी तो कुत्ते को भी नसीब होती है
er kasz

ऐसे मौसम में क्यों ना मयख़ाना सजाएँ
चाय तो वो पीते हैं जिनके लीवर में दम नहीं होता
er kasz

आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो
Er kasz

उस शेर की निगाहों में भी एक अजीब सा खौफ था
जिसने जंगल में मेरे पैरों के निशाँ देखे थे
er kasz

जब हम निभाते है तो कुछ इस तरह निभाते है मुहब्बत
साँस लेना छोड़ सकते है मगर दामन ऐ यार नहीं

यू तो उनके पास हमारे प्यार की निशानी आज भी है
जब उन्हें प्यार ही नही है तो क्यों रखी है
er kasz

पता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँ क्योंकि
मैं खुद के सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता