Neend Bhi Nilaam Ho Jaati Hai Baazaar e Ishq Mein
Itna Aasan Nahi Hai Kisi Ko Bhula Kar So Jaana

जिन्दगी मे दो चीज़े कभी मत कीजिए
झूठे आदमी के साथ प्रेम और सच्चे आदमी के साथ गेम

शिद्दत से कोई याद कर रहा है
मुद्दत से ये वहम जाता नही

आज उसने बहुत अजीब सी बात कही
तुम जिन्दगी हो मेरी और मुझे जिन्दगी से नफरत है

सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मुहोब्बत का
एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं
er kasz

चलती राहों में यूँ ही आँख लगी है फ़ाकिर
भीड़ लोगों की हटा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

एक नफरत ही है जिसे दुनिया लम्हों में ही जान जाती है
वरना चाहत का पता लगाने में तो ज़माने बीत जाते हैं

आज शायरी नहीं बस इतना सुन लो
मैं उदास हु और वजह तुम हो

प्यार करता हु इसलिए Fikar करता हु
नफरत करुगा तो Zikar भी नही करुगा

बहुत थे मेरे भी इसदुनिया मेँ अपने
फिर हुआ इश्कऔर हम लावारिस हो गए
Er kasz

नजर में बदलाव है उनकी हमने देखा है आजकल
एक अदना सा आदमी भी आँख दिखा जाता है

मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ.
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी.

पहले दिखा दे तू मुझे कितनी है करामात
जुलूस तेरा निकालूंगा पकड़ के रंगे हाथ

उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है

रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा
की ये तेरीे आँखे मेरे एक झलक को तरसेंगी